तालिबान : Taalibaan

■ तालिबान कट्टर धार्मिक विचारों से प्रेरित कबाइली लड़ाकों का एक संगठन है। इसके अधिकांश लड़ाके और कमांडर पाकिस्तान-अफगानिस्तान के सीमा इलाकों में स्थित कट्टर धार्मिक संगठनों में पढ़े लोग, मौलवी और कबाइली गुटों के चीफ हैं। घोषित रूप में इनका एक ही मकसद है। पश्चिमी देशों का शासन से प्रभाव खत्म करना और देश में इस्लामी शरिया कानून की स्थापना करना। ■ तालिबान जिसे तालेबान के नाम से भी जाना जाता है। वास्तव में एक सुन्नी इस्लामिक आधारवादी आंदोलन है जिसकी शुरुआत 1990 के दशक में हुई थी। पश्तून में तालिबान का मतलब 'छात्र' होता है, एक तरह से यह उनकी शुरुआत मदरसों से जाहिर करता है। उत्तरी पाकिस्तान में सुन्नी इस्लाम का कट्टरपंथी रूप सिखाने वाले एक मदरसे में तालिबान के जन्म हुआ। ■ शीतयुद्ध के दौर में तत्कालीन सोवियत संघ (USSR) को अफगानिस्तान से खदेड़ने के लिए अमेरिका ने अफगानिस्तान के स्थानीय मुजाहिदीनों (शाब्दिक अर्थ - विधर्मियों से लड़ने वाले योद्धा) को हथियार और ट्रेनिंग देकर जंग के लिए उकसाया था। नतीजन, सोवियत संघ तो हार मानकर चला गया, लेकिन अफगानिस्तान में एक कट्टरपंथी आतंकी संगठन का जन्म हो ...

NCERT History Class-6 Chapter-1 क्या, कब, कहाँ और कैसे? Summary


इतिहास क्या है?

मानव के बीते हुए कल की कहानी को इतिहास कहते हैं। इतिहास के द्वारा मानव समाज में विभिन्न कालों में हुए बदलाव के विषय मे पता चलता है।

इतिहास का महत्व

इतिहास से हमें बीते हुए कल के राजाओं, साम्राज्यों और समाज के बारे में विभिन्न बातें पता चलती हैं जैसे लोग कैसे रहते थे, क्या खाते थे, क्या पहनते थे। इतिहास से हमें भूतकाल में लोगो द्वारा अपनाये जाने वाले पेशो के विषय मे पता चलता है तथा इतिहास के द्वारा हमें अपने पूर्वजों की उपलब्धियों एवं उनके द्वारा की गई गलतियों का पता चलता है जिससे हम कुछ सीखकर अपना भविष्य बेहतर बना सकते हैं। इतिहास 
के द्वारा किसी खास काल मे बच्चे किस तरह के खेल खेला करते थे, इसके विषय में भी जानकारी प्राप्त होती है।

लोग कहाँ रहते थे?

1-नर्मदा नदी के तट पर

कई हजार वर्षों तक लोग नर्मदा नदी के नजदीक रहते थे। ये लोग शिकार करते थे या फिर कंद-मूल-फल इकट्ठा करते थे। ऐसे लोग किसी एक स्थान पर नहीं रहते थे।


2-सुलेमान और किरथर पहाड़ियों पर

उत्तर-पश्चिम में स्थित इन पहाड़ियों पर लोग 8000 वर्ष पहले रहते थे। ये उन लोगों में से थे जिन्होंने खेती की शुरुआत की। ये गेहूँ और जौ की खेती करते थे। ये लोग भेड़, बकरी तथा गाय और बैल पाला करते थे। ये लोग एक स्थायी जीवन जीते थे अतः एक स्थान पर टिककर रहते थे। इसी समय के आस-पास गाँवों का निर्माण होने लगा था।


3-गारो और विंध्य पहाड़ियों पर

इन पहाड़ियों पर रहने वाले लोग उन पहले लोगो में से थे जिन्होंने धान की खेती शुरू की। विंध्याचल के उत्तर की तरफ भी धान की खेती होती थी।



4-सिंधु और उसकी सहायक नदियों के तट पर

सिंधु और उसकी सहायक नदियों के तट पर आरंभिक शहरों का विकास लगभग 4700 वर्ष पहले हुआ।


5-गंगा और सोन नदी के तट पर

गंगा नदी के किनारों पर शहरों का विकास लगभग 2500 वर्ष पहले शुरू हुआ, कुछ नगर सोन जैसी सहायक नदियों के किनारे भी विकसित हुए तथा कुछ शहरों का विकास समुद्री तटों पर भी हुआ।


हमारे देश के कई नाम

हमारे देश के कई नाम हैं; जैसे कि आर्यवर्त, जम्बूद्वीप, भारतवर्ष, भारत, हिन्दुस्तान, इंडिया आदि। आजकल इंडिया, हिन्दुस्तान और भारत प्रचलित हैं।
अनुच्छेद 1 = भारत अर्थात इंडिया
 

इंडिया

ईरान और ग्रीस के लोग भारत के उत्तर-पश्चिम इलाकों में आया करते थे इसलिए वे सिंधु (इंडस) नदी के बारे में जानने लगे। वे इस नदी को इंदोस या हिंदोस कहते थे। इस तरह सिंधु नदी के पूर्व की ओर पड़ने वाले इलाके का नाम इंडिया पड़ा।

E● इतिहास के स्रोत

1-पांडुलिपि

हाथ से लिखी हुई किताब को पांडुलिपी कहते हैं। छपाई (प्रिंटिंग) की तकनीकी से पहले किताबों को हाथ से लिखा जाता था। शुरू की पांडुलिपियों को ताड़ के पत्तो या फिर भोजपत्र पर लिखा जाता था। पुरानी पांडुलिपियों से धार्मिक विश्वास और रीतियों, राजाओं दवाइयों, विज्ञान, कविताओं, आदि के बारे में प्रचुर जानकारी मिलती है।


2-अभिलेख

किसी पत्थर पर उकेरे हुए लेख को अभिलेख कहते हैं। किसी पांडुलिपी की तुलना में अभिलेख बहुत लंबे समय के लिए संरक्षित रह सकता है। ज्यादातर अभिलेखों में किसी राजा की घोषणा या आदेश मिलते हैं। ऐसी घोषणाओं को अभिलेखों पर इसलिये लिखवाया जाता था ताकि अधिक से अधिक लोग उन्हें पढ़ सकें। कुछ अभिलेखों में राजाओं, व्यापारियों और अन्य लोगों द्वारा किये गए अच्छे कार्यो के बारे में लिखा जाता था ऐसे अभिलेख अक्सर संस्कृत, प्राकृत या तमिल में लिखे गए थे।


3-सिक्के

सिक्के पर अक्सर उसे जारी करने वाले राजा की तस्वीर रहती थी अतः सिक्के से उस समय के राजा के बारे में पता चलता है। सिक्कों की बनावट से उस जमाने के कारीगरों की महारत के बारे में पता चलता है। सिक्कों की शुरुआत सबसे पहले प्राचीन ग्रीस में 600 ईसा पूर्व हुई थी।



4-पुरातत्व स्थल

जिस स्थान से ऐतिहासिक अवशेष मिलते हैं उसे पुरातत्व स्थल कहते हैं। भवन और स्मारक भी पुरातत्व स्थल की श्रेणी में आते हैं। ऐसे स्थानों से मिलने वाले पुरावशेषों और अन्य वस्तुओं से बीते जमाने के बारे में प्रचुर जानकारी मिलती है।

पुरातत्वविद- पुरावशेषों के अध्ययनकर्ता को पुरातत्वविद कहते हैं।




तारीख का मतलब

तारीखों की मदद से हमें घटनाओं को एक खास क्रम में रखने में सहूलियत होती है। इतिहास के बारे में चर्चा करते समय तारीखों के लिए BC (ईसा पूर्व) और AD (इस्वी) का इस्तेमाल होता है। BC का मतलब होता है 'Before Christ' यानि ईसा से पहले। AD का मतलब होता है 'Anno Domini' यानि ईश्वर के साल से। कभी-कभी AD की जगह CE (Common Era) का प्रयोग होता है। इसी तरह BC की जगह BCE (Before Common Era) का प्रयोग होता है।

       Sudhanshu Mishra

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